Saturday, June 22, 2013

खाली खाली सी अब उसकी यादे है

रात तेज बारिश हुयी थी, आज सुबह की धुप हमसे फिर से नाराज है,
जो पल मिल के भी मिली नहीं उसी पल को फिर से इस दिल को तलाश है....
जल जल के बुझती यादो में अजनबी सी राते और कुछ टूटे बिखरे यादे है,
कुछ अधूरी सी बाते और न जाने उसके कितने झूठे वादे है.........
खली खली सी है सब कुछ बस खली खली सी अब तक उसकी यादे है.......!
जिस जगह से छोड़ चला था वो साथ भटक सी गयी है राहें जैसे,
चला जा रहा हु बस युही दिल को मालूम नहीं इसके अब क्या इरादे है,
खाली खाली सी है सब कुछ बस खली खली सी अब उसकी यादे है.......!

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